आध्यात्मिक जीवन औरों को बदलना छोडो, खुद को हमे बदलना हैं
आत्म उन्नति के लिए अध्यात्म पथ पर चलना। जो जैसा है उसको वैसा ही कर लेना स्वीकार,स्वं कल्याण के मार्ग पर ना टकराएगें संस्कार।नही किसी की गलती अपने जगह सब सही, बात ये जिसने मानी शान्त रहता केवल वही। कर्म करे कैसा भी हम अपने लिए ही करते कभी पुण्य मिलता हैं तो कभी जुर्माना हम भरते। अपनी विशेषताओं से, सब लोग बडे़ सम्पन्न, लेकिन मन मे ना हो इसका अहंकार उत्पन्न। केवल अपनी प्रंशसा पर निर्भर हमें ना रहना, निमित्त भाव के धारा में, होगा हमको बहना। सबको बराबर समझें, मन में ना हो भेदभाव छोटा बड़ा सबके प्रति सदा ही रखें समभाव।