जब मैं छोटा था तब स्कूल जाने के लिए बहुत रोता था। और मेरी माँ हमेशा कहती थी कि आप आज स्कूल क्यो नही गया तब मैं बोलता था कि मेरा मन पढ़ाई मे नही लगता है। तब मेरी माँ अगले दिन सबेरे उठकर मेंरे को डाँट लगा कर स्कूल के लिए तैयार करती थी और मेरे पिता जी अपने पीठ पर बैठाकर स्कूल ले जाते थे। और मै स्कूल से भाग कर आ जाता था। उसके बाद मेरे दीदी फिर से स्कूल छोडने जाती थी और कहती थी की आप पढ़कर अच्छे बनोगे तब मै मन में ठान लिया कि मै आज से हमेशा स्कूल जाऊगा तब मै पढ़ाई में ध्यान दिया और अच्छे अंक से पास होते गया। और आज मेरी माँ पिताजी दीदी के वजह से आगे बड़ा हुँ