Sat. Sep 13th, 2025

कई बार लोग सवाल पूछते है। कि भगवान की जरुरत क्यों है। उसे क्यों याद करें, क्यों उससे सम्बन्ध बनाए। इस पर एक बात दृष्टान्त हैं कि एक बार एक गरीब आदमी था और वह गरीब आदमी के एक प्यारी सी करीब 4 साल की बच्ची थी। बडी मुशिब सें उसने 500 रुपए जमा हुए थे। और उसने सोचा ये पैसा साहूकार केपास जमा करा दूँ जब उसकी लडकी शादी के लायक होगी तब ब्याज सहित काफी पैसा मिल जाएगा। और वह साहू कार के पास गया और पैसा जमा कर दिया वह पुराना जमाना के बात था, सब कुछ विश्वास पर होता था कोई रशीद आदि नही ली जब लडकी शादी के लायक हुई तो उस गरीब साहू कार सें ब्याज सहित पैसा माँगे। साहूकार के मन में लालच आ गई कहता हैं कौन सा पैसा कैसा पैसा कब दिया था? कोई रशीद है। तुम्हारे पार कोई गवाह है।

उसके बाद  बीचारा सांत से चला गया घर उसके बाद में गरीब आदमी  राजा के पास गया कि कुछ मदत कर दे राजा से मिला सब बात बताया फिर राजा ने कहा कि अमुक दिन में मेरी सवारी निकलेगी सारे शहर मेें घुमेगा शहर के लोगो से भेट करेगें उसके बाद साहू कार के घर से 100 मीटर दुर पर खडा रहना राजा के बात शुन कर घर चला गया और साहू कार के घर सें 100 मीटर वह गरीब खडा था राजा ने इसारे से उसे बुलाया और अपने रथ में बैठाया और साहू कार के घर आ गया। वह साहू कार घबरा गया किवे सब बात राजा को न बता दे फिर अगले दिन साहूकार के नौकर इस गरीब के घर आया और उसे कहा कि साहू कार आप को बुला रहे है। और गरीब खुशी से चला गया उसके बाद में साहू कार कहा कि आप के पुरा बहि खाता निकाला उसमें ब्याज सहित कुल 12 हजार हो रहा है। और मेंरे तरफ से एक हजार ले लो कुल 13 हजार लेकर खुशी खुशी घर चला गया । देखिए एक राजा से जान पहचान कितना काम आता है। आई अगर भगवान से जान पहचान हो तो कितनी काम आएगी आप स्वयं सोच लो।

 

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