Mon. Dec 22nd, 2025

आँखें खोल देना जरा जरा अज्ञान नींद से जागो।
मेरे प्यारे बहनो भाइयो! अब तो नींद त्यागो।।
प्रभु मिलन की सुन्दर घडिया पास खडी है। आकर,
युग युग से जिस सें मिलने बैठे थे आश लगाकर,
क्ल कल करते करते यह भी समय न कही गंवा दो।
मेरे प्यारे भाईयो! अब तो निंद त्यागो।।
ऐसा स्वर्णिम अवसर कल्प में , आता एक ही बार जितना चाहे जी भर ले लो प्यारे प्रभु का प्यार, स्वर्ण हिरण सी इच्छाओ के पीछे अब मत भागों। मेंरे प्यारे बहनो भाइयो! अब तो निंद त्यागो।।

 

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