भारत में काफी सबसे बड़ी संख्या में लोग गणपति की पूजा अर्चना व साधना करते है। अन्य बहुत सें लोग जिनके वे इष्ट नही है, मुहूर्त अथवा अन्य शुभ अवसरो पर सभी धार्मिक आयोजनो का प्रारंभ गणपति की स्तुति से करते है। लाखो करोडो व्यापारी अपने बही खातो के प्रांरभ में अपने व्यापार की गददी के निकट स्थल पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाते है। जिसे वे गणपति का सूचक शुभ तथा लाभ प्रद मानते है।
एक ओर तो लाखो करोडो नर नारी गणपति को सब देवताओ में प्रथम स्तुत्य मानते हुए निर्विध्नता पूर्वक अपने कार्यो की समाप्ति के लिए अर्चना करते है। यहां तक कि साधक लोग परमात्मा शिव की उपासना करने से पहले स्वयं कहते है। कि पहले गणपति गणेश को मनाया करो। पीछे भोला जी के दर्शन पाया करो दूसरी ओर ऐसे भी लोग है। जो गजवदन वक्रतुण्ड एकदंत महोदर बड़ा पेट मूषक वाहन आदि को देखकर आ़च्श्रर्यान्वित होते है।