योग के ऊचा अवस्था बनाने में सबसे बडा संतुष्टि के गुण अति आवश्यक हैं और संतुष्ट का गुण उसमें आएगा जिसमें त्याग के गुण होगा। त्याग का आधार हैं वैराग्य होता हैं। त्याग में ही सच्चा सुख हैं वैराग्य उसको आएगा जिसका विवेक होगा। यह बांते जबलपुर से पहुंची वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रहा्राकुमारी विमला बहन नें प्रजापिता ब्रहा्राकुमारी के बघेरा स्थान आनंद सरोवर में आयोजित एक दिवसीय योग तपस्या कार्यक्रम समय के पुकार हो जाओ तैयार में कही उन्होने कहा कि बंधन मुक्त अवस्था ही योग युक्त अवस्था बनाती हैं। हमे सदगुणो मूल्यो को कसकर पकडे रहने चाहिए वर्तमान समय सबसे कीमती हमारी स्थिति हैं। निराषा इस जीवन के लिए सबसे खतरनाक हैं। हमे छोटे छोटे पुण्य जमा करते रहना हैं।