Tue. Oct 22nd, 2024
बेतिया : विद्यालयों के लिए पूर्व से निर्धारित छुट्टियों में कटौती कर रक्षा बंधन के दिन भी कार्रवाई का भय दिखाकर स्कूल खोलने का फरमान हुआ टांय-टांय फिस्स। जिलें के किसी भी स्कूल में बच्चे नहीं आए। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षा संघ के जिला अध्यक्ष नंदन कुमार ने कहा कि तुगलकी फरमान जारी करने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बच्चों और अभिभावकों ने आइना दिखा दिया है । शिक्षकों को तो जबरन स्कूलों में आने के लिए बाध्य किया जा सकता है लेकिन जनभावना के विरुद्ध किसी भी फरमान को मानने के लिए पूरे समाज ने बाध्य नहीं किया जा सकता है। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी तीज, जीवित्पुत्रिका और छठ जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार की छुट्टी रद्द करना इन अधिकारियों और सरकार को महंगा पड़ जाएगा। साल में 60 छुट्टियां विद्यालयों के लिए निर्धारित हैं और इन्हीं 60 छुट्टियों में इन सभी पर्व त्योहार को पूर्व से उसके महत्व के और परंपरा के को ध्यान में रखते हुए अवकाश तालिका का निर्धारण किया गया था किंतु अभी जो फरमान जारी किया गया है  राजतंत्र में भी ऐसी व्यवस्था नहीं रही है । इसका संघ पुरजोर विरोध करता है और अविलंब इस आदेश को वापस नहीं लिया गया और छुट्टियों को पूर्व की भांति लागू नहीं किया गया तो पूरे बिहार के शिक्षक सड़कों पर उतरेंगे और फिर से पोस्टर वॉर शुरू करेंगे। सभी शिक्षक अपने घरों पर पोस्टर लगाकर किसी भी सत्तारूढ़ दल के नेता को अपने दरवाजे पर आने पर प्रतिबंध लगा देंगे । शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों को उकसा रहे हैं और यह उकसावापूर्ण कार्रवाई बंद नहीं हुई तो आने वाले समय में शिक्षकों का आक्रोश हिंसक रूप ले सकता है ।
Spread the love

By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

Leave a Reply