बेतिया : पश्चिम चम्पारण जिला के नरकटियागंज अनुमंडल अंतर्गत मैंनाटाड़ प्रखंड क्षेत्र के शिक्षा सेवकों ने दस सूत्री मांगों को लेकर काले बिल्ला लगाकर कर कर्त्तव्य निर्वहन किया। शिक्षा सेवकों ने नाराज होकर बीआरसी भवन मैनाटाड़ के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन भी किया। इस क्रम में शिक्षा सेवक के प्रखंड अध्यक्ष नजीर अहमद ने कहां की हम वर्ष 2009 से ही महादलित, दलित अल्पसंख्यक व अति पिछड़ा वर्ग के बच्चों को विद्यालय पहुंचाने व अनामांकित बच्चों को विद्यालय में नामांकित कराने, बच्चों को कोचिंग देने के साथ ही शिक्षा के प्रति उन समुदाय के बच्चों व अभिभावकों को जागरुक करने का काम करते हैं। इसके अतरिक्त कई तरह के अन्य काम में भी हम लोगों को सरकार ड्यूटी देकर अपनी काम करवाती है। मानव श्रृंखला बनाना, दहेज प्रथा, नशा मुक्ति अभियान, विद्यालय जांच करना, वीसी करना, कार्यों मे लगाती है। हम लोग सभी कार्यों को सरकार के आदेशानुसार कर्तव्य निष्ठा के साथ निर्वहन करते हैं। परंतु सरकार महज ₹11000 रुपया प्रति माह मानदेय देकर उसमें से इपीएफ की राशि काटकर 9680 का भुगतान करती है। इस आर्थिक युग में बढ़ती महंगाई को लेकर अल्प मानदेय मे हम शिक्षा सेवकों को घर चलाने में काफी परेशानी होती है। जो चिंता का विषय है। प्रखंड सचिव सरफराज आलम तथा शिक्षा सेवक सुरेंद्र बैठा ने कहा कि सरकार महंगाई को देखते हुए 14 वर्षों के अनुभव के आधार पर शिक्षा सेवकों को मानदेय के बदले ग्रेड पे लागू करते हुए। सम्बंधित मूल विद्यालय में समायोजन करें, अन्यथा हम लोग बाध्य होकर उग्र आंदोलन करेंगे। इस क्रम में सुनील राउत, खन्नू बैठा,अतिरसुल अंसारी ,हाफि बैठा, अकबर बैठा, अरमान आलम, अफजल अंसारी,अम्बिका बैठा, बैधनाथ बैठा, धर्मराज बैठा, भुषण बैठा, अजमेरी बेगम, अजबून नेशा, रामभजन बैठा, रैफुल आजम, अंजूम प्रवेज, सहीम आलम व अन्य शिक्षा सेवक भी मौजूद रहें।
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