Tue. Jul 1st, 2025

हनुमान को महादेव का 11 वा अवतार भी माना जाता है। क्योंकि रामभक्त हनुमान जी की माता अंजनी ने भगवान शिव की ओर तपस्या की थी और उन्हे पुत्र के रुप में प्राप्त करने का वर मांगा था। तब भगवान शिव ने पवन देव के रुप में अपनी रौद्र शक्ति का अंश यज्ञ कुंड में अर्पित किया था

और वही शक्ति अंजनी के गर्भ में प्रविष्ट हुई थी। फिर चैत्र शुल्क पक्ष की पूर्णिमा को हनुमानजी का जन्म हुआ था। हनुमान जी को संकट मोचक भी कहा जाता है। और हनुमान जी को मंगलकारी भी कहा गया है। इसलिए इनके पूजा जीवन में मंगल लेकर आती है।

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