लापरवाही बताकर परिजनों ने किया हंगामा, जांच कमेटी गठित,
भिलाई. सेक्टर-9 में रहने वाले प्रमोद कुमार बाग, 17 साल को पेट में दर्द होने की वजह से सोमवार को जिला अस्पताल, दुर्ग में दोपहर 2.30 बजे दाखिल किया गया। जहां मंगलवार की शाम को ब्लड चढ़ाते वक्त उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। बुधवार को दोपहर में पोस्ट मार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन जांच कमेटी गठित करने में जुट गया है। दोस्तों ने देखी लापरवाही
मृतकों के परिजनों का कहना है कि बीमार खुद अपने से दोपहर में खाना खाया। इसके बाद इलाज चल रहा था। खून चढ़ाते वक्त तबीयत बिगड़ी। भागकर मौजूद चिकित्सक को बताया गया। मरीज को देखने आने तक वे तैयार नहीं हो रहे थे। इसके बाद फिर से बुलाने गए। तब भी आना-कानी कर रहे थे। इसको लेकर उनके दोस्तों ने कुछ वीडियो भी बनाया है। ऐसा उनका कहना है। सिकलिंग के दो तरह के होते हैं मरीज विशेषज्ञों के मुताबिक सिकलिंग में दो तरह के मरीज होते हैं। पहला वे मरीज जो सिकल एस केरियर होता है। जिसमें मरीज 80 साल से अधिक उम्र तक जीवित रह जाता है। वहीं दूसरा होता है डिजीज क्राइसेस, जिसमें मरीज की कम उम्र में मौत हो जाती है।