प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर 17 सितंबर को नामीबिया से आए आठ चीतों को श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। यह संभव हो पाया सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की वजह से, जिसमें नामीबिया से चीतों को लाने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद भी यह फैसला सुनाने वाले जस्टिस एसए बोबड़े जब कूनो पहुंचे तो वह चीतों को नहीं देख सके। कूनो के अन्य हिस्सों को देखकर ही उन्हें लौटना पड़ा। चीतों को एक महीने के क्वारंटाइन में रखा गया है। आम पर्यटक उन्हें दिसंबर के बाद ही देख सकेंगे। पूर्व चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने भारत में अफ्रीकी चीते लाने की योजना पर लगी रोक हटाई थी। इसके बाद प्रोजेक्ट चीता ने रफ्तार पकड़ी और नामीबिया से चीते भारत आ सके। श्योपुर जिला प्रशासन ने कहा कि चीतों की क्वारंटाइन अवधि चल रही है। इस वजह से जस्टिस बोबड़े चीतों के बाड़े तक नहीं जा सके। कूनो नेशनल पार्क अक्टूबर से आम लोगों के लिए खुलेगा। चीतों को देखने के लिए यह इंतजार और लंबा हो सकता है।