कंगाल हो चुका पड़ोसी देश अहसान फरामोश निकला। भारत की आपत्ति के बावजूद उसने चीन के जासूसी जहाज को अपने बंदरगाह पर आने की इजजात दे दी है। बदहाल हो चूके लंका को भारत ने करीब 4 अरब डाँलर की मदद सिर्फ इस साल जनवरी के बाद पहुंचाई है, बावजूद इसके उसने भारत की पीठ मे खंजर भोंकने का काम किया है। श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने इस बात पर पुष्टि कर दी है, कि हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन का जहाज पहुंच रहा है। जबकि भारत का स्पष्ट संदेश दिया गया था कि भारत सावधानी पूर्वक निगरानी कर रहा है।